अरविंद केजरीवाल पर 80 हज़ार की दारू पीने का भाजपाईयों ने लगाया था झूठा आरोप, हुआ पर्दाफाश
सोशल मीडिया पर जब जिसका मन चाहता है वह किसी के खिलाफ बिना जांच पड़ताल मनघडंत बाते फैला देता है। इनदिनों सोशल मीडिया पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को ‘शराबी’ कहकर ट्रोल किया जा रहा है। हालांकि अब यहां पर भी लोग बिना किसी पड़ताल के केजरीवाल को बदनाम कर रहे है।
दरअसल सोशल मीडिया पर अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपने ट्विटर अकाउंट से वह तस्वीर शेयर की जिसमे उनके बैनर टेल केजरीवाल की दारु पीते हुए तस्वीर लगी है और इसके साथ लिखा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, एक दिन में पी डाली 80000 की दारु।
साथ ही इस बैनर पर यह भी लिखा है कि दिल्ली के गरीब भूखे मर रहे दारुबाज़ केजरीवाल जनता के पैसे से ऐश कर रहे। वही इस तस्वीर को तुरंत ही केजरीवाल की विरोधी ट्विटर आर्मी ने कैच कर लिए और तरह तरह की बाते फैला दी और कुछ ही समय में दिल्ली के मुख्यमंत्री को दारुबाज़ घोषित कर दिया लेकिन किसी ने इसकी सच्चाई जान्ने की कोशिश नहीं की।
अब सवाल यह उठता है कि यह मामला उठा कैसे और इस अफवाह को शुरू कैसे किया गया। आपको याद होगा कि कुछ महीने पहले कर्नाटक में भारी उठापटक के बाद सरकार का गठन हुआ था और कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन वाली सरकार बनी थी। 23 मई को इस सरकार के शपथग्रहण समारोह के दौरान देशभर के लगभग वह सभी दल के नेता कर्नाटक में अतिथि बनकर आये थे जो एनडीए के विपक्ष में है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री भी शामिल है. इस दौरान इन नेताओं के रुकने और ठहरने पर खर्च होना स्वाभाविक है।
अब एक शख्स ने आरटीआई के माध्यम से इन नेताओं के रुकने पर हुए खर्च की जानकारी मांगी तो इसमें सरकार ने बताया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का बिल सबसे ज्यादा 8.72 लाख वही इसके बाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल का बिल 1.85 लाख का बना था। केजरीवाल कर्नाटक में उस दौरान दो दिन रुके थे और उनके कमरे का किराया टैक्स के साथ रोजाना 32000 रूपए था।
इस दौरान जब वह कर्नाटक में थे तो ज़ाहिर सी बात है खान-पान पर भी खर्च हुआ होगा। बिल के अनुसार केजरीवाल के बिल फ़ूड, जूस और एयरेटेड बेवरेज तीन कैटेगरी में खर्च दिखाए गये है। इसमें एयरेटेड बेवरेज का मतलब वह ड्रिंक्स जो खान के बाद इंसान पसंद के हिसाब से लेता है जिसमे कोल्ड ड्रिंक्स आती है। बिल के ऊपर साफ़ लिखा है कि इस बिल को सरकार वहन करेगी सिवाय शराब और लांड्री के खर्च के अलावा। इस बिल में कही पर भी शराब का ज़िक्र नहीं है। बावजूद इसके पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर केजरीवाल के खर्च को लेकर कहा जा रहा है कि उन्होंने 80000 रूपए की शराब डकार ली। अब सवाल यह उठता है कि क्यों विपक्ष सरकार को बदनाम करने के लिए फेक होर्डिंग्स का सहारा ले रहा है?