मोदी और रिलायंस की दोस्ती जनता को पड़ी महंगी, गरीब जनता हुई बेहाल, पढ़ें
इस वक़्त देश की सरकार संविधान के मुताबिक नहीं बल्कि पूंजीपतियों के नियमों से चल रही है। देश के कुछ बिजनेसमैन घरानों और पीएम मोदी की दोस्ती तो जगजाहिर हो चुकी है। कई मौकों पर सरकार ने साबित किया है कि देश में लोकतंत्र नहीं पूंजीतंत्र चल रहा है। अंबानी और अडानी ने साल 2014 में मोदी सरकार में तगड़ी इन्वेस्टमेंट की है। जिसका फल अब वह सत्ता के जरिये खा रहे हैं।
1. पूंजीपतियों के करीबी दोस्त हैं मोदी
सोशल मीडिया पर कई बार पीएम मोदी की अंबानी और अडानी के साथ गले मिलते हुए तस्वीरें वायरल होती रहती हैं। जबकि इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री की ऐसी तस्वीरें सामने नहीं आई हैं। आपको बता दें कि देश के जाने-माने बिजनेसमैन कुकेष अंबानी की रिलायंस ग्रुप को मोदीराज में काफी फायदा मिल रहा है। खबर के मुताबिक, सिंगापुर के एक कोर्ट रिलायंस ग्रुप को 30 हजार करोड़ रुपए की प्राकृतिक गैस चुराने के मामले में बड़ी राहत दे दी है।
2. ONGC को मिली बड़ी हार
आपको बता दें कि पब्लिक सेक्टर कंपनी ओएनजीसी रिलायंस से केस हार गई है। जिसके चलते देश को ३० हजार करोड़ का नुक्सान हो गया है। गौरतलब है कि ओएनजीसी दुनिया की सबसे नामी तेल कंपनियों में से एक है और पब्लिक सेक्टर कंपनी होने के कारण इसमें देश की जनता के भी पैसे लगे हुए हैं।
3. देश को रिलायंस के हाथों हुआ 30,000 करोड़ रुपये का नुक्सान
आपको बता दें कि 15 मई, 2014 को ओएनजीसी ने दिल्ली हाई कोर्ट में केस दायर कर आरोप लगाया था कि आंध्र प्रदेश कृष्णा-गोदावरी बेसिन समुंदरी क्षेत्र में ओएनजीसी और रिलायंस को नेचुरल गैस निकालने का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। लेकिन रिलायंस ने इस दौरान दोनों ब्लॉकों की सीमा के बिलकुल करीब से गैस निकाली तो ओएनजीसी के ब्लॉक की गैस भी रिलायंस के ब्लॉक में चली गई। ओएनजीसी का आरोप है कि रिलायंस द्वारा गैस की चोरी की गई है। जिससे 30,000 करोड़ रुपये का नुक्सान हो गया है।
4. ONGC में रहते हुए सांबित पात्रा ने रिलायंस को दिलाया बड़ा फायदा
गौरतलब है कि साल 2014 में केंद्र में मोदी की सरकार बनने के बाद पार्टी के चमचों में से एक सांबित पात्रा को एक अहम स्थान दिया गया है। मोदी सरकार ने सांबित पात्रा को ओएनजीसी का डायरेक्टर बना दिया गया है। जिसके बाद ही रिलायंस के पक्ष में ये बड़ा फैसला लिया है। जोकि मोदी सरकार पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।
निष्कर्ष:
देश की सरकार जनता को मूर्ख बनाकर सीधे तौर पर पूंजीपतियों का फायदा करवा रही है। फिर चाहे वह नोटबंदी का फैसला हो, जीएसटी लागू करने या फिर रिलायंस को केस जितवाने का।